Sunday, January 31, 2010

दोस्त वो जो बिन बुलाये आये,
बेवजा सर खाए, आप एक बोलो वो चार सुनाये,
कभी सताए, कभी रुलाये,मगर हमेशा साथ निभाए॥

यह दोस्ती चिराग है जलाए रखना
यह दोस्ती खुशबू है महकाये रखना
हम रहे आपके दिल में हमेशा के लिए
इतनी जगह दिल में हमारे लिए बनाए रखना...